RBI Monetary Policy 2024: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी घोषणाएं

RBI Monetary Policy 2024 के तहत रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा को प्रभावित करेंगे। इन फैसलों का असर बैंकों, निवेशकों और आम जनता पर पड़ेगा।

RBI Monetary Policy 2024

रेपो रेट और CRR में क्या बदलाव हुए?

RBI Monetary Policy 2024 के अनुसार:

  • रेपो रेट: 6.5% पर स्थिर।
  • कैश रिज़र्व रेश्यो (CRR): 4.5% से घटाकर 4% किया गया।
    • इससे ₹1.16 लाख करोड़ की अतिरिक्त तरलता बाजार में आएगी।

GDP में गिरावट: एक चिंता का विषय

  • चालू वित्त वर्ष के लिए GDP वृद्धि दर को 6.6% अनुमानित किया गया है।
  • पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) में GDP वृद्धि केवल 5.4% रही, जो 7 तिमाहियों का न्यूनतम स्तर है।
  • यह गिरावट घरेलू मांग में कमी और वैश्विक आर्थिक सुस्ती के कारण हुई है।

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महंगाई पर RBI का दृष्टिकोण

  • RBI Monetary Policy 2024 में कहा गया कि महंगाई अगले कुछ महीनों तक 5% से अधिक रह सकती है।
  • खाद्य वस्तुओं की कीमतें इस समस्या का मुख्य कारण बनी हुई हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक पहलू

  • CRR में कमी बैंकों को अधिक कर्ज़ देने में मदद करेगी।
  • रिज़र्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आर्थिक स्थिरता बनाए रखना प्राथमिकता है।

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RBI Monetary Policy 2024: निर्णयों का महत्व

  1. बाजार में नकदी बढ़ाने का प्रयास।
  2. मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उपाय।
  3. लंबी अवधि में विकास को बढ़ावा देने की योजना।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

  • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि CRR में कटौती से कर्ज प्रवाह बढ़ेगा।
  • हालाँकि, महंगाई और GDP गिरावट के साथ यह एक संतुलन चुनौती बन सकता है।

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निष्कर्ष

RBI Monetary Policy 2024 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संतुलन साधने का प्रयास है। महंगाई नियंत्रण और बैंकों के लिए नकदी बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं। लेकिन, GDP में गिरावट एक बड़ी चिंता बनी हुई है।

क्या ये नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में सफल होंगी? अपनी राय नीचे कमेंट करें!

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